12. मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखता आया हूं, परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं।
13. वे मेरे लिये बलिदान तो करते हैं, और पशु बलि भी करते हैं, परन्तु उसका फल मांस ही है; वे आप ही उसे खाते हैं; परन्तु यहोवा उन से प्रसन्न नहीं होता। अब वह उनके अधर्म की सुधि ले कर उनके पाप का दण्ड देगा; वे मिस्र में लौट जाएंगे।
14. क्योंकि इस्राएल ने अपने कर्त्ता को बिसरा कर महल बनाए, और यहूदा ने बहुत से गढ़ वाले नगरों को बसाया है; परन्तु मैं उनके नगरों में आग लगाऊंगा, और उस से उन के गढ़ भस्म हो जाएंगे।