16. और यहोवा की यह वाणी है कि उस समय तू मुझे ईशी कहेगी और फिर बाली न कहेगी।
17. क्योंकि भविष्य में मैं उसे बाल देवताओं के नाम न लेने दूंग; और न उनके नाम फिर स्मरण में रहेंगे।
18. और उस समय मैं उनके लिये वन-पशुओं और आकाश के पक्षियों और भूमि पर के रेंगने वाले जन्तुओं के साथ वाचा बान्धूंगा, और धनुष और तलवार तोड़ कर युद्ध को उनके देश से दूर कर दूंगा; और ऐसा करूंगा कि वे लोग निडर सोया करेंगे।
19. और मैं सदा के लिये तुझे अपनी स्त्री करने की प्रतिज्ञा करूंगा, और यह प्रतिज्ञा धर्म, और न्याय, और करूंणा, और दया के साथ करूंगा।
20. और यह सच्चाई के साथ की जाएगी, और तू यहोवा को जान लेगी॥
21. और यहोवा की यह वाणी है कि उस समय मैं आकाश की सुन कर उसको उत्तर दूंगा, और वह पृथ्वी की सुन कर उसे उत्तर देगा;
22. और पृथ्वी अन्न, नये दाखमधु, और ताजे तेल की सुन कर उन को उत्तर देगी, और वे यिज्रेल को उत्तर देंगे।
23. और मैं अपने लिये उसे देश में बोऊंगा, और लोरूहामा पर दया करूंगा, और लोअम्मी से कहूंगा, तू मेरी प्रजा है, और वह कहेगा, “हे मेरे परमेश्वर"॥