1. जब इस्राएल बालक था, तब मैं ने उस से प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया।
2. परन्तु जितना वे उन को बुलाते थे, उतना ही वे भागे जाते थे; वे बाल देवताओं के लिये बलिदान करते, और खुदी हुई मूरतों के लिये धूप जलाते गए॥
3. मैं ही एप्रैम को पांव-पांव चलाता था, और उन को गोद में लिए फिरता था, परन्तु वे न जानते थे कि उनका चंगा करने वाला मैं हूं।
4. मैं उन को मनुष्य जानकर प्रेम की डोरी से खींचता था, और जैसा कोई बैल के गले की जोत खोल कर उसके साम्हने आहार रख दे, वैसा ही मैं ने उन से किया।
5. वह मिस्र देश में लौटने न पाएगा; अश्शूर ही उसका राजा होगा, क्योंकि उसने मेरी ओर फिरने से इनकार कर दिया है।
6. तलवार उनके नगरों में चलेगी, और उनके बेड़ों को पूरा नाश करेगी; और यह उनकी युक्तियों के कारण होगा।