20. उसी महीने के चौबीसवें दिन को दूसरी बार यहोवा का यह वचन हाग्गै के पास पहुंचा, यहूदा के अधिपति जरूब्बाबेल से यों कह :
21. मैं आकाश और पृथ्वी दोनों को कम्पाऊंगा,
22. और मैं राज्य-राज्य की गद्दी को उलट दूंगा; मैं अन्यजातियों के राज्य-राज्य का बल तोडूंगा, और रथों को चढ़वैयों समेत उलट दूंगा; और घोड़ों समेत सवार एक दूसरे की तलवार से गिरेंगे।
23. सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, उस दिन, हे शालतीएल के पुत्र मेरे दास जरूब्बाबेल, मैं तुझे ले कर अंगूठी के समान रखूंगा, यहोवा की यही वाणी है; क्योंकि मैं ने तुझी को चुन लिया है, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है॥