व्यवस्थाविवरण 28:49-65 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

49. यहोवा तेरे विरुद्ध दूर से, वरन पृथ्वी के छोर से वेग उड़ने वाले उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा जिसकी भाषा को तू न समझेगा;

50. उस जाति के लोगों का व्यवहार क्रूर होगा, वे न तो बूढ़ों का मुंह देखकर आदर करेंगे, और न बालकों पर दया करेंगे;

51. और वे तेरे पशुओं के बच्चे और भूमि की उपज यहां तक खा जांएगे कि तू नष्ट हो जाएगा; और वे तेरे लिये न अन्न, और न नया दाखमधु, और न टटका तेल, और न बछड़े, न मेम्ने छोड़ेंगे, यहां तक कि तू नाश हो जाएगा।

52. और वे तेरे परमेश्वर यहोवा के दिये हुए सारे देश के सब फाटकों के भीतर तुझे घेर रखेंगे; वे तेरे सब फाटकों के भीतर तुझे उस समय तक घेरेंगे, जब तक तेरे सारे देश में तेरी ऊंची ऊंची और दृढ़ शहरपनाहें जिन पर तू भरोसा करेगा गिर न जाएं।

53. तब घिर जाने और उस सकेती के समय जिस में तेरे शत्रु तुझ को डालेंगे, तू अपने निज जन्माए बेटे-बेटियों का मांस जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को देगा खाएगा।

54. और तुझ में जो पुरूष कोमल और अति सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी प्राणप्यारी, और अपने बचे हुए बालकों को क्रूर दृष्टि से देखेगा;

55. और वह उन में से किसी को भी अपने बालकों के मांस में से जो वह आप खाएगा कुछ न देगा, क्योंकि घिर जाने और उस सकेती में, जिस में तेरे शत्रु तेरे सारे फाटकों के भीतर तुझे घेर डालेंगे, उसके पास कुछ न रहेगा।

56. और तुझ में जो स्त्री यहां तक कोमल और सुकुमार हो कि सुकुमारपन के और कोमलता के मारे भूमि पर पांव धरते भी डरती हो, वह भी अपने प्राणप्रिय पति, और बेटे, और बेटी को,

57. अपनी खेरी, वरन अपने जने हुए बच्चों को क्रूर दृष्टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और सकेती के समय जिस में तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिप के खाएगी।

58. यदि तू इन व्यवस्था के सारे वचनों के पालने में, जो इस पुस्तक में लिखें है, चौकसी करके उस आदरनीय और भययोग्य नाम का, जो यहोवा तेरे परमेश्वर का है भय न माने,

59. तो यहोवा तुझ को और तेरे वंश को अनोखे अनोखे दण्ड देगा, वे दुष्ट और बहुत दिन रहने वाले रोग और भारी भारी दण्ड होंगे।

60. और वह मिस्र के उन सब रोगों को फिर तेरे ऊपर लगा देगा, जिन से तू भय खाता था; और वे तुझ में लगे रहेंगे।

61. और जितने रोग आदि दण्ड इस व्यवस्था की पुस्तक में नहीं लिखे हैं, उन सभों को भी यहोवा तुझ को यहां तक लगा देगा, कि तू सत्यानाश हो जाएगा।

62. और तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की न मानेगा, इस कारण आकाश के तारों के समान अनगिनित होने की सन्ती तुझ में से थोड़े ही मनुष्य रह जाएंगे।

63. और जैसे अब यहोवा की तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हें नाश वरन सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे।

64. और यहोवा तुझ को पृथ्वी के इस छोर से ले कर उस छोर तक के सब देशों के लोगों में तित्तर बित्तर करेगा; और वहां रहकर तू अपने और अपने पुरखाओं के अनजाने काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना करेगा।

65. और उन जातियों में तू कभी चैन न पाएगा, और न तेरे पांव को ठिकाना मिलेगा; क्योंकि वहां यहोवा ऐसा करेगा कि तेरा हृदय कांपता रहेगा, और तेरी आंखे धुंधली पड़ जाएगीं, और तेरा मन कलपता रहेगा;

व्यवस्थाविवरण 28