9. और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चरबी जो कमर के पास रहती है, और गुर्दों समेत कलेजे के ऊपर की झिल्ली, इन सभों को वह ऐसे अलग करे,
10. जैसे मेलबलि वाले चढ़ावे के बछड़े से अलग किए जाते हैं, और याजक इन को होमबलि की वेदी पर जलाए।
11. और उस बछड़े की खाल, पांव, सिर, अंतडिय़ां, गोबर,
12. और सारा मांस, निदान समूचा बछड़ा छावनी से बाहर शुद्ध स्थान में, जहां राख डाली जाएगी, ले जा कर लकड़ी पर रखकर आग से जलाए; जहां राख डाली जाती है वह वहीं जलाया जाए॥
13. और यदि इस्त्राएल की सारी मण्डली अज्ञानता के कारण पाप करे और वह बात मण्डली की आंखों से छिपी हो, और वे यहोवा की किसी आज्ञा के विरुद्ध कुछ करके दोषी ठहरें हों;
14. तो जब उनका किया हुआ पाप प्रगट हो जाए तब मण्डली एक बछड़े को पापबलि करके चढ़ाए। वह उसे मिलापवाले तम्बू के आगे ले जाए,
15. और मण्डली के वृद्ध लोग अपने अपने हाथों को यहोवा के आगे बछड़े के सिर पर रखें, और वह बछड़ा यहोवा के साम्हने बलि किया जाए।
16. और अभिषिक्त याजक बछड़े के लोहू में से कुछ मिलापवाले तम्बू में ले जाए;
17. और याजक अपनी उंगली लोहू में डुबो डुबोकर उसे बीच वाले पर्दे के आगे सात बार यहोवा के साम्हने छिड़के।
18. और उसी लोहू में से वेदी के सींगों पर जो यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू में है लगाए; और बचा हुआ सब लोहू होमबलि की वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उंडेल दे।
19. और वह बछड़े की कुल चरबी निकाल कर वेदी पर जलाए।
20. और जैसे पापबलि के बछड़े से किया था वैसे ही इस से भी करे; इस भांति याजक इस्त्राएलियों के लिये प्रायश्चित्त करे, तब उनका पाप क्षमा किया जाएगा।