29. और जब तुम यहोवा के लिये धन्यवाद का मेलबलि चढ़ाओ, तो उसे इसी प्रकार से करना जिस से वह ग्रहणयोग्य ठहरे॥
30. वह उसी दिन खाया जाए, उस में से कुछ भी बिहान तक रहने न पाए; मैं यहोवा हूं।
31. और तुम मेरी आज्ञाओं को मानना और उनका पालन करना; मैं यहोवा हूं।
32. और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र न ठहराना, क्योंकि मैं इस्त्राएलियों के बीच अवश्य ही पवित्र माना जाऊंगा; मैं तुम्हारा पवित्र करने वाला यहोवा हूं।