12. और यदि कोई अपनी पतोहू के साथ सोए, तो वे दोनों निश्चय मार डाले जाएं; क्योंकि वे उलटा काम करने वाले ठहरेंगे, और उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।
13. और यदि कोई जिस रीति स्त्री से उसी रीति पुरूष से प्रसंग करे, तो वे दोनों घिनौना काम करने वाले ठहरेंगे; इस कारण वे निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।
14. और यदि कोई अपनी पत्नी और अपनी सास दोनों को रखे, तो यह महापाप है; इसलिये वह पुरूष और वे स्त्रियां तीनों के तीनों आग में जलाए जाएं, जिस से तुम्हारे बीच महापाप न हो।
15. फिर यदि कोई पुरूष पशुगामी हो, तो पुरूष और पशु दोनों निश्चय मार डाले जाएं।
16. और यदि कोई स्त्री पशु के पास जा कर उसके संग कुकर्म करे, तो तू उस स्त्री और पशु दोनों को घात करना; वे निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।
17. और यदि कोई अपनी बहिन का, चाहे उसकी संगी बहिन हो चाहे सौतेली, उसका नग्न तन देखे, तो वह निन्दित बात है, वे दोनों अपने जाति भाइयों की आंखों के साम्हने नाश किए जाएं; क्योंकि जो अपनी बहिन का तन उघाड़ने वाला ठहरेगा उसे अपने अधर्म का भार स्वयं उठाना पड़ेगा।
18. फिर यदि कोई पुरूष किसी ऋतुमती स्त्री के संग सोकर उसका तन उघाड़े, तो वह पुरूष उसके रूधिर के सोते का उघाड़ने वाला ठहरेगा, और वह स्त्री अपने रूधिर के सोते की उघाड़ने वाली ठहरेगी; इस कारण दोनों अपने लोगों के बीच से नाश किए जाएं।
19. और अपनी मौसी वा फूफी का तन न उघाड़ना, क्योंकि जो उसे उघाड़े वह अपनी निकट कुटुम्बिन को नंगा करता है; इसलिये इन दोनों को अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।