29. और जो पृथ्वी पर रेंगते हैं उन में से ये रेंगने वाले तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं, अर्थात नेवला, चूहा, और भांति भांति के गोह,
30. और छिपकली, मगर, टिकटिक, सांडा, और गिरगिटान।
31. सब रेंगने वालों में से ये ही तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं; जो कोई इनकी लोथ छूए वह सांझ तक अशुद्ध रहे।
32. और इन में से किसी की लोथ जिस किसी वस्तु पर पड़ जाए वह भी अशुद्ध ठहरे, चाहे वह काठ का कोई पात्र हो, चाहे वस्त्र, चाहे खाल, चाहे बोरा, चाहे किसी काम का कैसा ही पात्रादि क्यों न हो; वह जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे, तब शुद्ध समझा जाए।