23. और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए॥
24. जब यूहन्ना के भेजे हुए लोग चल दिए, तो यीशु यूहन्ना के विषय में लोगों से कहने लगा, तुम जंगल में क्या देखने गए थे? क्या हवा से हिलते हुए सरकण्डे को?
25. तो तुम फिर क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? देखो, जो भड़कीला वस्त्र पहिनते, और सुख विलास से रहते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं।
26. तो फिर क्या देखने गए थे? क्या किसी भविष्यद्वक्ता को? हां, मैं तुम से कहता हूं, वरन भविष्यद्वक्ता से भी बड़े को।
27. यह वही है, जिस के विषय में लिखा है, कि देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे आगे भेजता हूं, जो तेरे आगे मार्ग सीधा करेगा।