49. और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा और जब तक स्वर्ग से सामर्थ न पाओ, तब तक तुम इसी नगर में ठहरे रहो॥
50. तब वह उन्हें बैतनिय्याह तक बाहर ले गया, और अपने हाथ उठाकर उन्हें आशीष दी।
51. और उन्हें आशीष देते हुए वह उन से अलग हो गया और स्वर्ग से उठा लिया गया।
52. और वे उस को दण्डवत करके बड़े आनन्द से यरूशलेम को लौट गए।
53. और लगातार मन्दिर में उपस्थित होकर परमेश्वर की स्तुति किया करते थे॥