4. तब पीलातुस ने महायाजकों और लोगों से कहा, मैं इस मनुष्य में कुछ दोष नहीं पाता।
5. पर वे और भी दृढ़ता से कहने लगे, यह गलील से लेकर यहां तक सारे यहूदिया में उपदेश दे दे कर लोगों को उकसाता है।
6. यह सुनकर पीलातुस ने पूछा, क्या यह मनुष्य गलीली है?
7. और यह जानकर कि वह हेरोदेस की रियासत का है, उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्योंकि उन दिनों में वह भी यरूशलेम में था॥
8. हेरोदेस यीशु को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुआ, क्योंकि वह बहुत दिनों से उस को देखना चाहता था: इसलिये कि उसके विषय में सुना था, और उसका कुछ चिन्ह देखने की आशा रखता था।
9. वह उस से बहुतेरी बातें पूछता रहा, पर उस ने उस को कुछ भी उत्तर न दिया।
10. और महायाजक और शास्त्री खड़े हुए तन मन से उस पर दोष लगाते रहे।