लूका 18:15-31 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

15. फिर लोग अपने बच्चों को भी उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे; और चेलों ने देख कर उन्हें डांटा।

16. यीशु ने बच्चों को पास बुलाकर कहा, बालकों को मेरे पास आने दो, और उन्हें मना न करो: क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है।

17. मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक की नाईं ग्रहण न करेगा वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा॥

18. किसी सरदार ने उस से पूछा, हे उत्तम गुरू, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूं?

19. यीशु ने उस से कहा; तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक, अर्थात परमेश्वर।

20. तू आज्ञाओं को तो जानता है, कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना, और चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।

21. उस ने कहा, मैं तो इन सब को लड़कपन ही से मानता आया हूं।

22. यह सुन, यीशु ने उस से कहा, तुझ में अब भी एक बात की घटी है, अपना सब कुछ बेच कर कंगालों को बांट दे; और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।

23. वह यह सुनकर बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बड़ा धनी था।

24. यीशु ने उसे देख कर कहा; धनवानों का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है?

25. परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है।

26. और सुनने वालों ने कहा, तो फिर किस का उद्धार हो सकता है?

27. उस ने कहा; जो मनुष्य से नहीं हो सकता, वह परमेश्वर से हो सकता है।

28. पतरस ने कहा; देख, हम तो घर बार छोड़कर तेरे पीछे हो लिये हैं।

29. उस ने उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि ऐसा कोई नहीं जिस ने परमेश्वर के राज्य के लिये घर या पत्नी या भाइयों या माता पिता या लड़के-बालों को छोड़ दिया हो।

30. और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन॥

31. फिर उस ने बारहों को साथ लेकर उन से कहा; देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और जितनी बातें मनुष्य के पुत्र के लिये भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा लिखी गई हैं वे सब पूरी होंगी।

लूका 18