6. और वे दोनों परमेश्वर के साम्हने धर्मी थे: और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलने वाले थे। उन के कोई भी सन्तान न थी,
7. क्योंकि इलीशिबा बांझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे॥
8. जब वह अपने दलकी पारी पर परमेश्वर के साम्हने याजक का काम करता था।
9. तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली, कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए।
10. और धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी।