39. उस ने यह वचन उस आत्मा के विषय में कहा, जिसे उस पर विश्वास करने वाले पाने पर थे; क्योंकि आत्मा अब तक न उतरा था; क्योंकि यीशु अब तक अपनी महिमा को न पहुंचा था।
40. तब भीड़ में से किसी किसी ने ये बातें सुन कर कहा, सचमुच यही वह भविष्यद्वक्ता है।
41. औरों ने कहा; यह मसीह है, परन्तु किसी ने कहा; क्यों? क्या मसीह गलील से आएगा?
42. क्या पवित्र शास्त्र में यह नहीं आया, कि मसीह दाऊद के वंश से और बैतलहम गांव से आएगा जहां दाऊद रहता था?
43. सो उसके कारण लोगों में फूट पड़ी।
44. उन में से कितने उसे पकड़ना चाहते थे, परन्तु किसी ने उस पर हाथ न डाला॥
45. तब सिपाही महायाजकों और फरीसियों के पास आए, और उन्होंने उन से कहा, तुम उसे क्यों नहीं लाए?
46. सिपाहियों ने उत्तर दिया, कि किसी मनुष्य ने कभी ऐसी बातें न कीं।
47. फरीसियों ने उन को उत्तर दिया, क्या तुम भी भरमाए गए हो?
48. क्या सरदारों या फरीसियों में से किसी ने भी उस पर विश्वास किया है?
49. परन्तु ये लोग जो व्यवस्था नहीं जानते, स्त्रापित हैं।
50. नीकुदेमुस ने, (जो पहिले उसके पास आया था और उन में से एक था), उन से कहा।
51. क्या हमारी व्यवस्था किसी व्यक्ति को जब तक पहिले उस की सुनकर जान न ले, कि वह क्या करता है; दोषी ठहराती है?
52. उन्होंने उसे उत्तर दिया; क्या तू भी गलील का है? ढूंढ़ और देख, कि गलील से कोई भविष्यद्वक्ता प्रगट नहीं होने का।