13. यहोवा के क्रोध के कारण, वह देश निर्जन रहेगा, वह उजाड़ ही उजाड़ होगा; जो कोई बाबुल के पास से चलेगा वह चकित होगा, और उसके सब दु:ख देख कर ताली बजाएगा।
14. हे सब धनुर्धारियो, बाबुल के चारों ओर उसके विरुद्ध पांति बान्धो; उस पर तीर चलाओ, उन्हें मत रख छोड़ो, क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।
15. चारों ओर से उस पर ललकारो, उसने हार मानी; उसके कोट गिराए गए, उसकी शहरपनाह ढाई गई। क्योंकि यहोवा उस से अपना बदला लेने पर है; सो तुम भी उस से अपना अपना बदला लो, जैसा उसने किया है, वैसा ही तुम भी उस से करो।
16. बाबुल में से बोने वाले और काटने वाले दोनों को नाश करो, वे दुखदाई तलवार के डर के मारे अपने अपने लोगों को ओर फिरें, और अपने अपने देश को भाग जाएं।
17. इस्राएल भगाई हुई भेड़ है, सिंहों ने उसको भगा दिया है। पहिले तो अश्शूर के राजा ने उसको खा डाला, और तब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियों को तोड़ दिया है।