13. तब जैसे इस्राएल के घराने को बेतेल से लज्जित होना पड़ा, जिस पर वे भरोसा रखते थे, वैसे ही मोआबी लोग कमोश से लज्जित हांगे।
14. तुम कैसे कह सकते हो कि हम वीर और पराक्रमी योद्धा हैं?
15. मोआब तो नाश हुआ, उसके नगर भस्म हो गए और उसके चुने हुए जवान घात होने को उतर गए, राजाधिराज, जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है, उसकी यही वाणी है।
16. मोआब की विपत्ति निकट आ गई, और उसके संकट में पड़ने का दिन बहुत ही वेग से आता है।
17. उसके आस पास के सब रहने वालो, और उसकी कीर्ति के सब जानने वालो, उसके लिये विलाप करो; कहो हाय! यह मजबूत सोंटा और सुन्दर छड़ी कैसे टूट गई है?
18. हे दीबोन की रहने वाली तू अपना वैभव छोड़कर प्यासी बैठी रह! क्योंकि मोआब के नाश करने वाले ने तुझ पर चढ़ाई कर के तेरे दृढ़ गढ़ों को नाश किया है।
19. हे अरोएर की रहने वाली तू मार्ग में खड़ी हो कर ताकती रह! जो भागता है उस से, और जो बच निकलती है उस से पूछ, कि, क्या हुआ है?
20. मोआब की आशा टूटेगी, वह विस्मित हो गया; तुम हाय हाय करो और चिल्लाओ; अर्नोन में भी यह बताओ कि मोआब नाश हुआ है।