17. वहां वे पुकार के कहते हैं, मिस्र का राजा फिरौन सत्यानाश हुआ; क्योंकि उसने अपना बहुमूल्य अवसर खो दिया।
18. वह राजाधिराज जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है, उसकी यह वाणी है कि मेरे जीवन की सौगन्ध, जैसा ताबोर अन्य पहाड़ों में, और जैसा कमल समुद्र के किनारे है, वैसा ही वह आएगा।
19. हे मिस्र की रहने वाली पुत्री! बंधुआई में जाने का सामान तैयार कर, क्योंकि नोप नगर उजाड़ और ऐसा भस्म हो जाएगा कि उस में कोई भी न रहेगा।
20. मिस्र बहुत ही सुन्दर बछिया तो है, परन्तु उत्तर दिशा से नाश चला आता है, वह आ ही गया है।
21. उसके जो सिपाही किराये पर आए हैं वह पोसे हुए बछड़ों के समान हैं; उन्होंने मुंह मोड़ा, और एक संग भाग गए, वे खड़े नहीं रहे; क्योंकि उनकी विपत्ति का दिन और दण्ड पाने का समय आ गया।
22. उसकी आहट सर्प के भागने की सी होगी; क्योंकि वे वृक्षों के काटने वालों की सेना और कुल्हाडिय़ां लिए हुए उसके विरुद्ध चढ़ आएंगे।