यिर्मयाह 33:15-26 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

15. उन दिनों में और उन समयों में मैं दाऊद के वंश में धर्म की एक डाल उगाऊंगा; और वह इस देश में न्याय और धर्म के काम करेगा।

16. उन दिनों में यहूदा बचा रहेगा और यरूशलेम निडर बसा रहेगा; और उसका नाम यह रखा जाएगा अय्रात् यहोवा हमारी धामिर्कता।

17. यहोवा यों कहता है, दाऊद के कुल में इस्राएल के घराने की गद्दी पर विराजने वाले सदैव बने रहेंगे,

18. और लेवीय याजकों के कुलों में प्रतिदिन मेरे लिये होमबलि चढ़ाने वाले और अन्नबलि जलाने वाले और मेलबलि चढ़ाने वाले सदैव बने रहेंगे।

19. फिर यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा, यहोवा यों कहता है,

20. मैं ने दिन और रात के विषय में जो वाचा बान्धी है, जब तुम उसको ऐसा तोड़ सको कि दिन और रात अपने अपने समय में न हों,

21. तब ही जो वाचा मैं ने अपने दास दाऊद के संग बान्धी है टूट सकेगी, कि तेरे वंश की गद्दी पर विराजने वाले सदैव बने रहेंगे, और मेरी वाचा मेरी सेवा टहल करने वाले लेवीय याजकों के संग बन्धी रहेगी।

22. जैसा आकाश की सेना की गिनती और समुद्र की बालू के किनकों का परिमाण नहीं हो सकता है उसी प्रकार मैं अपने दास दाऊद के वंश और अपने सेवक लेवियों को बढ़ा कर अनगिनित कर दूंगा।

23. यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुचा, क्या तू ने नहीं देखा

24. कि ये लोग क्या कहते हैं, कि, जो दो कुल यहोवा ने चुन लिए थे उन दोनों से उसने अब हाथ उठाया है? यह कह कर कि ये मेरी प्रजा को तुच्छ जानते हैं और कि यह जाति उनकी दृष्टि में गिर गई है।

25. यहोवा यों कहता है, यदि दिन और रात के विषय मेरी वाचा अटल न रहे, और यदि आकाश और पृथ्वी के नियम मेरे ठहराए हुए न रह जाएं,

26. तब ही मैं याकूब के वंश से हाथ उठाऊंगा।,और इब्राहीम, इसहाक और याकूब के वंश पर प्रभुता करने के लिये अपने दास दाऊद के वंश में से किसी को फिर न ठहराऊंगा। परन्तु इसके विपरीत मैं उन पर दया कर के उन को बंधुआई से लौटा लाऊंगा।

यिर्मयाह 33