8. जो भविष्यद्वक्ता प्राचीनकाल से मेरे और तेरे पहिले होते आए थे, उन्होंने तो बहुत से देशों और बड़े राज्यों के विरुद्ध युद्ध और विपत्ति और मरी के विषय भविष्यद्वाणी की थी।
9. परन्तु जो भविष्यद्वक्ता कुशल के विषय भविष्यद्वाणी करे, तो जब उसका वचन पूरा हो, तब ही उस भविष्यद्वक्ता के विष्य यह निश्चय हो जाएगा कि यह सचमुच यहोवा का भेजा हुआ है।
10. तब हनन्याह भविष्यद्वक्ता ने उस जूए को जो यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता की गर्दन पर था, उतार कर तोड़ दिया।
11. और हनन्याह ने सब लोगों के साम्हने कहा, यहोवा यों कहता है कि इसी प्रकार से मैं पूरे दो वर्ष के भीतर बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के जूए को सब जातियों की गर्दन पर से उतार कर तोड़ दूंगा। तब यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता चला गया।
12. जब हनन्याह भविष्यद्वक्ता ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता की गर्दन पर से जूआ उतार कर तोड़ दिया, उसके बाद यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा:
13. जा कर हनन्याह से यह कह, यहोवा यों कहता है कि तू ने काठ का जूआ तो तोड़ दिया, परन्तु ऐसा कर के तू ने उसकी सन्ती लोहे का जूआ बना लिया है।
14. क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि मैं इन सब जातियों की गर्दन पर लोहे का जूआ रखता हूँ और वे बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के आधीन रहेंगे, और इन को उसके आधीन होना पड़ेगा, क्योंकि मैदान के जीवजन्तु भी मैं उसके वश में कर देता हूँ।
15. और यिर्मयाह नबी ने हनन्याह नबी से यह भी कहा, हे हनन्याह, देख यहोवा ने तुझे नहीं भेजा, तू ने इन लोगों को झूठी आशा दिलाई है।
16. इसलिये यहोवा तुझ से यों कहता है, कि देख, मैं तुझ को पृथ्वी के ऊपर से उठा दूंगा, इसी वर्ष में तू मरेगा; क्योंकि तू ने यहोवा की ओर से फिरने की बातें कही हैं।