3. इसके बाद योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के दिनों में, और योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के ग्यारहवें वर्ष के अन्त तक भी प्रगट होता रहा जब तक उसी वर्ष के पांचवें महीने में यरूशलेम के निवासी बंधुआई में न चले गए।
4. तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
5. गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहिले ही मैं ने तुझे अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।
6. तब मैं ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा! देख, मैं तो बोलना ही नहीं जानता, क्योंकि मैं लड़का ही हूँ।