31. कुलों के अनुसार आशेरियों के गोत्र का भाग नगरों और गांवों समेत यही ठहरा॥
32. छठवीं चिट्ठी नप्तालियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली।
33. और उनका सिवाना हेलेप से, और सानन्नीम में के बांज वृक्ष से, अदामीनेकेब और यब्नेल से हो कर, और लक्कूम को जा कर यरदन पर निकला;
34. वहां से वह सिवाना पश्चिम की ओर मुड़कर अजनोत्ताबोर को गया, और वहां से हुक्कोक को गया, और दक्खिन, और जबूलून के भाग तक, और पश्चिम की ओर आशेर के भाग तक, और सूर्योदय की ओर यहूदा के भाग के पास की यरदन नदी पर पहुंचा।
35. और उनके गढ़ वाले नगर ये हैं, अर्थात सिद्दीम, सेर, हम्मत, रक्कत, किन्नेरेत,
36. अदामा, रामा, हासोर,
37. केदेश, एद्रेई, एन्हासेर,
38. यिरोन, मिगदलेल, होरेम, बेतनात, और बेतशेमेश; ये उन्नीस नगर गांवों समेत उन को मिले।
39. कुलों के अुनसार नप्तालियों के गोत्र का भाग नगरों और उनके गांवों समेत यही ठहरा॥
40. सातवीं चिट्ठी कुलों के अनुसार दानियों के गोत्र के नाम पर निकली।
41. और उनके भाग के सिवाने में सोरा, एशताओल, ईरशमेश,
42. शालब्बीन, अय्यालोन, यितला,
43. एलोन, तिम्ना, एक्रोन,
44. एलतके, गिब्बतोन, बालात,
45. यहूद, बनेबराक, गत्रिम्मोन,