15. कत्तात, नहलाल, शिभ्रोन, यिदला, और बेतलेहम; ये बारह नगर उनके गांवों समेत उसी भाग के ठहरे।
16. जबूलूनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा; और उस में अपने अपने गांवों समेत ये ही नगर हैं॥
17. चौथी चिट्ठी इस्साकारियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली।
18. और उनका सिवाना यिज्रेल, कसुल्लोत, शूनेम
19. हपारैम, शीओन, अनाहरत,
20. रब्बीत, किश्योत, एबेस,
21. रेमेत, एनगन्नीम, एनहद्दा, और बेत्पस्सेस तक पहुंचा।
22. फिर वह सिवाना ताबोर-शहसूमा और बेतशेमेश तक पहुंचा, और उनका सिवाना यरदन नदी पर जा निकला; इस प्रकार उन को सोलह नगर अपने अपने गांवों समेत मिले।
23. कुलों के अनुसार इस्साकारियों के गोत्र का भाग नगरों और गांवों समेत यही ठहरा॥
24. पांचवीं चिट्ठी आशेरियों के गोत्र के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली।
25. उनके सिवाने में हेल्कत, हली, बेतेन, अक्षाप,
26. अलाम्मेल्लेक, अमाद, और मिशाल थे; और वह पश्चिम की ओर कार्म्मेल तक और शाहोलिर्ब्नात तक पहुंचा;
27. फिर वह सूर्योदय की ओर मुड़कर बेतदागोन को गया, और जबलून के भाग तक, और यिप्तहेल की तराई में उत्तर की ओर हो कर बेतेमेक और नीएल तक पहुंचा और उत्तर की ओर जा कर काबूल पर निकला,
28. और वह एब्रोन, रहोब, हम्मोन, और काना से हो कर बड़े सीदोन को पहुंचा;