5. मैं इस्राएलियों की लोथों को उनकी मूरतों के साम्हने रखूंगा, और उनकी हड्डियों को तुम्हारी वेदियों के आस पास छितरा दूंगां
6. तुम्हारे जितने बसाए हुए नगर हैं, वे सब ऐसे उजड़ जाएंगे, कि तुम्हारे पूजा के ऊंचे स्थान भी उजाड़ हो जाएंगे, तुम्हारी वेदियां उजड़ेंगी और ढाई जाएंगी, तुम्हारी मूरतें जाती रहेंगी और तुम्हारी सूर्य की प्रतिमाएं काटी जाएंगी; और तुम्हारी सारी कारीगरी मिटाई जाएगी।
7. और तुम्हारे बीच मारे हुए गिरेंगे, और तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
8. तौभी मैं कितनों को बचा रखूंगा। सो जब तुम देश देश में तितर-बितर होगे, तब अन्यजातियों के बीच तुम्हारे कुछ लोग तलवार से बच जाएंगे।
9. और वे बचे हुए लोग, उन जातियों के बीच, जिन में वे बंधुए हो कर जाएंगे, मुझे स्मरण करेंगे; और यह भी कि हमारा व्यभिचारी हृदय यहोवा से कैसे हट गया है और व्यभिचारिणी की सी हमारी आंखें मूरतों पर कैसी लगी हैं जिस से यहोवा का मन टूटा है। इस रीति से उन बुराइयों के कारण, जो उन्होंने अपने सारे घिनौने काम कर के की हैं, वे अपनी दृष्टि में घिनौने ठहरेंगे।