25. और जैसे मन्दिर की भीतों में करूब और खजूर के पेड़ खुदे हुए थे, वैसे ही उसके किवाड़ों में भी थे, और ओसारे की बाहरी ओर लकड़ी की मोटी मोटी धरनें थीं।
26. और ओसारे के दोनों ओर झिलमिलीदार खिड़कियां थीं और खजूर के पेड़ खुदे थे; और भवन की बाहरी कोठरियां और मोटी मोटी धरनें भी थीं।