14. तोगर्मा के घराने के लोगों ने तेरी सम्पत्ति ले कर घोड़े, सवारी के घोड़े और खच्चर दिए।
15. ददानी तेरे व्योपारी थे; बहुत से द्वीप तेरे हाट बने थे; वे तेरे पास हाथीदांत की सींग और आबनूस की लकड़ी व्यापार में लाते थे।
16. तेरी बहुत कारीगरी के कारण आराम तेरा व्योपारी था; मरकत, बैजनी रंग का और बूटेदार वस्त्र, सन, मूंगा, और लालड़ी देकर वे तेरा माल लेते थे।
17. यहूदा और इस्राएल भी तेरे व्योपारी थे; उन्होंने मिन्नीत का गेहूं, पन्नग, और मधु, तेल, और बलसान देकर तेरा माल लिया।
18. तुझ में बहुत कारीगरी हुई और सब प्रकार का धन इकट्टा हुआ, इस से दमिश्क तेरा व्योपारी हुआ; तेरे पास हेलबोन का दाखमधु और उजला ऊन पहुंचाया गया।
19. बदान और यावान ने तेरे माल के बदले में सूत दिया; और उनके कारण फौलाद, तज और अगर में भी तेरा व्यापार हुआ।
20. सवारी के चार-जामे के लिये ददान तेरा व्योपारी हुआ।
21. अरब और केदार के सब प्रधान तेरे व्योपारी ठहरे; उन्होंने मेम्ने, मेढ़े, और बकरे लाकर तेरे साथ लेन-देन किया।
22. शबा और रामा के व्योपारी तेरे व्योपारी ठहरे; उन्होंने उत्तम उत्तम जाति का सब भांति का मसाला, सर्व भांति के मणि, और सोना देकर तेरा माल लिया।