21. कि तू ने मेरे लड़के-बाले उन मूरतों के आगे आग में चढ़ा कर घात किए हैं?
22. और तू ने अपने सब घृणित कामों में और व्यभिचार करते हुए, अपने बचपन के दिनों की कभी सुधि न ली, जब कि तू नंगी अपने लोहू में लोटती थी।
23. और तेरी उस सारी बुराई के पीछे क्या हुआ?