7. उस आज्ञा के अनुसार मैं ने वैसा ही किया। दिन को मैं ने अपना सामान बंधुआई के सामान की नाईं निकाला, और सांझ को अपने हाथ से भीत को फोड़ा; फिर अन्धेरे में सामान को निकाल कर, उनके देखते हुए अपने कंधे पर उठाए हुए चला गया।
8. बिहान को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
9. हे मनुष्य के सन्तान, क्या इस्राएल के घराने ने अर्थात उस बलवा करने वाले घराने ने तुझ से यह नहीं पूछा, कि यह तू क्या करता है?
10. तू उन से कह कि प्रभु यहोवा यों कहता है, यह प्रभावशाली वचन यरूशलेम के प्रधान पुरुष और इस्राएल के सारे घराने के विष्य में है जिसके बीच में वे रहते हैं।
11. तू उन से कह, मैं तुम्हारे लिये चिन्ह हूँ; जैसा मैं ने किया है, वैसा ही इस्राएली लोगों से भी किया जाएगा; उन को उठ कर बंधुआई में जाना पड़ेगा।
12. उनके बीच में जो प्रधान है, सो अन्धेरे में अपने कंधे पर बोझ उठाए हुए निकलेगा; वह अपना सामान निकालने के लिये भीत को फोड़ेगा, और अपना मुंह ढांपे रहेगा कि उसको भूमि न देख पड़े।
13. और मैं उस पर अपना जाल फैलाऊंगा, और वह मेरे फंदे में फंसेगा; और मैं उसे कसदियों के देश के बाबुल में पहुंचा दूंगा; यद्यपि वह उस नगर में मर जाएगा, तौभी उसको न देखेगा।
14. और जितने उसके सहायक उसके आस पास होंगे, उन को और उसकी सारी टोलियों को मैं सब दिशाओं में तितर-बितर कर दूंगा; और तलवार खींच कर उनके पीछे चलवाऊंगा।