17. जब तक मैं आकर तुम को ऐसे देश में न ले जाऊं जो तुम्हारे देश के समान अनाज और नये दाखमधु का देश और रोटी और दाख की बारियों का देश है।
18. ऐसा न हो कि हिजकिय्याह यह कहकर तुम को बहकाए कि यहोवा हम को बचाएगा। क्या और जातियों के देवताओं ने अपने अपने देश को अश्शूर के राजा के हाथ से बचाया है?
19. हमात और अर्पाद के देवता कहां रहे? सपर्वैम के देवता कहां रहे? क्या उन्होंने शोमरोन को मेरे हाथ से बचाया?
20. देश देश के देवतओं में से ऐसा कौन है जिसने अपने देश को मेरे हाथ से बचाया हो? फिर क्या यहोवा यरूशलेम को मेरे हाथ से बचाएगा?
21. परन्तु वे चुप रहे और उसके उत्तर में एक बात भी न कही, क्योंकि राजा की ऐसी आज्ञा थी कि उसको उत्तर न देना।
22. तब हिल्किय्याह का पुत्र एल्याकीम जो राजघराने के काम पर नियुक्त था और शेब्ना जो मन्त्री था और आसाप का पुत्र योआह जो इतिहास का लेखक था, इन्होंने हिजकिय्याह के पास वस्त्र फाड़े हुए जा कर रबशाके की बातें कह सुनाईं॥