यशायाह 30:1-12 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. यहोवा की यह वाणी है, हाय उन बलवा करने वाले लड़कों पर जो युक्ति तो करते परन्तु मेरी ओर से नहीं; वाचा तो बान्धते परन्तु मेरे आत्मा के सिखाये नहीं; और इस प्रकार पाप पर पाप बढ़ाते हैं।

2. वे मुझ से बिन पूछे मिस्र को जाते हैं कि फिरौन की रक्षा में रहे और मिस्र की छाया में शरण लें।

3. इसलिये फिरौन का शरणस्थान तुम्हारी लज्जा का, और मिस्र की छाया में शरण लेना तुम्हारी निन्दा का कारण होगा।

4. उसके हाकिम सोअन में आए तो हैं और उसके दूत अब हानेस में पहुंचे हैं।

5. वे सब एक ऐसी जाति के कारण लज्जित होंगे जिस से उनका कुछ लाभ न होगा, जो सहायता और लाभ के बदले लज्जा और नामधराई का कारण होगी॥

6. दक्खिन देश के पशुओं के विषय भारी वचन। वे अपनी धन सम्पति को जवान गदहों की पीठ पर, और अपने खजानों को ऊंटों के कूबड़ों पर लादे हुए, संकट और सकेती के देश में हो कर, जहां सिंह और सिंहनी, नाग और उड़ने वाले तेज विषधर सर्प रहते हैं, उन लोगों के पास जा रहे हैं जिन से उन को लाभ न होगा।

7. क्योंकि मिस्र की सहायता व्यर्थ और निकम्मी है, इस कारण मैं ने उसको बैठी रहने वाली रहब कहा है॥

8. अब जाकर इस को उनके साम्हने पत्थर पर खोद, और पुस्तक में लिख, कि वह भविष्य के लिये वरन सदा के लिये साक्षी बनी रहे।

9. क्योंकि वे बलवा करने वाले लोग और झूठ बोलने वाले लड़के हैं जो यहोवा की शिक्षा को सुनना नहीं चाहते।

10. वे दशिर्यों से कहते हैं, दर्शी मत बनो; और नबियों से कहते हैं, हमारे लिये ठीक नबूवत मत करो; हम से चिकनी चुपड़ी बातें बोलो, धोखा देने वाली नबूवत करो।

11. मार्ग से मुड़ो, पथ से हटो, और इस्राएल के पवित्र को हमारे साम्हने से दूर करो।

12. इस कारण इस्राएल का पवित्र यों कहता है, तुम लोग जो मेरे इस वचन को निकम्मा जानते और अन्धेर और कुटिलता पर भरोसा कर के उन्हीं पर टेक लगाते हो;

यशायाह 30