26. तब वह चिल्लाकर, और उसे बहुत मरोड़ कर, निकल आई; और बालक मरा हुआ सा हो गया, यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे, कि वह मर गया।
27. परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया, और वह खड़ा हो गया।
28. जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्त में उस से पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके?
29. उस ने उन से कहा, कि यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकल नहीं सकती॥
30. फिर वे वहां से चले, और गलील में होकर जा रहे थे, और वह नहीं चाहता था कि कोई जाने॥