9. पीलातुस ने उन को यह उत्तर दिया, क्या तुम चाहते हो, कि मैं तुम्हारे लिये यहूदियों के राजा को छोड़ दूं?
10. क्योंकि वह जानता था, कि महायाजकों ने उसे डाह से पकड़वाया था।
11. परन्तु महायाजकों ने लोगों को उभारा, कि वह बरअब्बा ही को उन के लिये छोड़ दे।
12. यह सून पीलातुस ने उन से फिर पूछा; तो जिसे तुम यहूदियों का राजा कहते हो, उस को मैं क्या करूं? वे फिर चिल्लाए, कि उसे क्रूस पर चढ़ा दे।
13. पीलातुस ने उन से कहा; क्यों, इस ने क्या बुराई की है?
14. परन्तु वे और भी चिल्लाए, कि उसे क्रूस पर चढ़ा दे।
15. तक पीलातुस ने भीड़ को प्रसन्न करने की इच्छा से, बरअब्बा को उन के लिये छोड़ दिया, और यीशु को कोड़े लगवाकर सौंप दिया, कि क्रूस पर चढ़ाया जाए।
16. और सिपाही उसे किले के भीतर आंगन में ले गए जो प्रीटोरियुन कहलाता है, और सारी पलटन को बुला लाए।
17. और उन्होंने उसे बैंजनी वस्त्र पहिनाया और कांटों का मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा।
18. और यह कहकर उसे नमस्कार करने लगे, कि हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!
19. और वे उसके सिर पर सरकण्डे मारते, और उस पर थूकते, और घुटने टेककर उसे प्रणाम करते रहे।
20. और जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो उस पर से बैंजनी वस्त्र उतारकर उसी के कपड़े पहिनाए; और तब उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिये बाहर ले गए।
21. और सिकन्दर और रूफुस का पिता, शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य, जो गांव से आ रहा था उधर से निकला; उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा, कि उसका क्रूस उठा ले चले।
22. और वे उसे गुलगुता नाम जगह पर जिस का अर्थ खोपड़ी की जगह है लाए।
23. और उसे मुर्र मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उस ने नहीं लिया।
24. तब उन्होंने उस को क्रूस पर चढ़ाया, और उसके कपड़ों पर चिट्ठियां डालकर, कि किस को क्या मिले, उन्हें बांट लिया।
25. और पहर दिन चढ़ा था, जब उन्होंने उस को क्रूस पर चढ़ाया।
26. और उसका दोषपत्र लिखकर उसके ऊपर लगा दिया गया कि “यहूदियों का राजा”।