8. क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और हर कहीं भूईंडोल होंगे, और अकाल पड़ेंगे; यह तो पीड़ाओं का आरम्भ ही होगा॥
9. परन्तु तुम अपने विषय में चौकस रहो; क्योंकि लोग तुम्हें महासभाओं में सौंपेंगे और तुम पंचायतों में पीटे जाओगे; और मेरे कारण हाकिमों और राजाओं के आगे खड़े किए जाओगे, ताकि उन के लिये गवाही हो।
10. पर अवश्य है कि पहिले सुसमाचार सब जातियों में प्रचार किया जाए।
11. जब वे तुम्हें ले जाकर सौंपेंगे, तो पहिले से चिन्ता न करना, कि हम क्या कहेंगे; पर जो कुछ तुम्हें उसी घड़ी बताया जाए, वही कहना; क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो, परन्तु पवित्र आत्मा है।
12. और भाई को भाई, और पिता को पुत्र घात के लिये सौंपेंगे, और लड़केबाले माता-पिता के विरोध में उठकर उन्हें मरवा डालेंगे।