4. परन्तु समझदारों ने अपनी मशालों के साथ अपनी कुप्पियों में तेल भी भर लिया।
5. जब दुल्हे के आने में देर हुई, तो वे सब ऊंघने लगीं, और सो गई।
6. आधी रात को धूम मची, कि देखो, दूल्हा आ रहा है, उस से भेंट करने के लिये चलो।
7. तब वे सब कुंवारियां उठकर अपनी मशालें ठीक करने लगीं।
8. और मूर्खों ने समझदारों से कहा, अपने तेल में से कुछ हमें भी दो, क्योंकि हमारी मशालें बुझी जाती हैं।
9. परन्तु समझदारों ने उत्तर दिया कि कदाचित हमारे और तुम्हारे लिये पूरा न हो; भला तो यह है, कि तुम बेचने वालों के पास जाकर अपने लिये मोल ले लो।