11. और बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएंगे।
12. और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा।
13. परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा।
14. और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा॥