31. परन्तु मरे हुओं के जी उठने के विषय में क्या तुम ने यह वचन नहीं पढ़ा जो परमेश्वर ने तुम से कहा।
32. कि मैं इब्राहीम का परमेश्वर, और इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं वह तो मरे हुओं का नहीं, परन्तु जीवतों का परमेश्वर है।
33. यह सुनकर लोग उसके उपदेश से चकित हुए।
34. जब फरीसियों ने सुना, कि उस ने सदूकियों का मुंह बन्द कर दिया; तो वे इकट्ठे हुए।
35. और उन में से एक व्यवस्थापक ने परखने के लिये, उस से पूछा।
36. हे गुरू; व्यवस्था में कौन सी आज्ञा बड़ी है?