मत्ती 17:2-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

2. और उनके साम्हने उसका रूपान्तर हुआ और उसका मुंह सूर्य की नाईं चमका और उसका वस्त्र ज्योति की नाईं उजला हो गया।

3. और देखो, मूसा और एलिय्याह उसके साथ बातें करते हुए उन्हें दिखाई दिए।

4. इस पर पतरस ने यीशु से कहा, हे प्रभु, हमारा यहां रहना अच्छा है; इच्छा हो तो यहां तीन मण्डप बनाऊं; एक तेरे लिये, एक मूसा के लिये, और एक एलिय्याह के लिये।

5. वह बोल ही रहा था, कि देखो, एक उजले बादल ने उन्हें छा लिया, और देखो; उस बादल में से यह शब्द निकला, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रसन्न हूं: इस की सुनो।

6. चेले यह सुनकर मुंह के बल गिर गए और अत्यन्त डर गए।

7. यीशु ने पास आकर उन्हें छूआ, और कहा, उठो; डरो मत।

8. तब उन्होंने अपनी आंखे उठाकर यीशु को छोड़ और किसी को न देखा।

9. जब वे पहाड़ से उतर रहे थे तब यीशु ने उन्हें यह आज्ञा दी; कि जब तक मनुष्य का पुत्र मरे हुओं में से न जी उठे तब तक जो कुछ तुम ने देखा है किसी से न कहना।

10. और उसके चेलों ने उस से पूछा, फिर शास्त्री क्यों कहते हैं, कि एलिय्याह का पहले आना अवश्य है?

11. उस ने उत्तर दिया, कि एलिय्याह तो आएगा: और सब कुछ सुधारेगा।

12. परन्तु मैं तुम से कहता हूं, कि एलिय्याह आ चुका; और उन्होंने उसे नहीं पहचाना; परन्तु जैसा चाहा वैसा ही उसके साथ किया: इसी रीति से मनुष्य का पुत्र भी उन के हाथ से दुख उठाएगा।

13. तब चेलों ने समझा कि उस ने हम से यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के विषय में कहा है।

14. जब वे भीड़ के पास पहुंचे, तो एक मनुष्य उसके पास आया, और घुटने टेक कर कहने लगा।

15. हे प्रभु, मेरे पुत्र पर दया कर; क्योंकि उस को मिर्गी आती है: और वह बहुत दुख उठाता है; और बार बार आग में और बार बार पानी में गिर पड़ता है।

16. और मैं उस को तेरे चेलों के पास लाया था, पर वे उसे अच्छा नहीं कर सके।

मत्ती 17