मत्ती 12:6-15 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

6. पर मैं तुम से कहता हूं, कि यहां वह है, जो मन्दिर से भी बड़ा है।

7. यदि तुम इस का अर्थ जानते कि मैं दया से प्रसन्न हूं, बलिदान से नहीं, तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते।

8. मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है॥

9. वहां से चलकर वह उन की सभा के घर में आया।

10. और देखो, एक मनुष्य था, जिस का हाथ सूखा हुआ था; और उन्होंने उस पर दोष लगाने के लिये उस से पूछा, कि क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है?

11. उस ने उन से कहा; तुम में ऐसा कौन है, जिस की एक ही भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड़हे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले?

12. भला, मनुष्य का मूल्य भेड़ से कितना बढ़ कर है; इसलिये सब्त के दिन भलाई करना उचित है: तब उस ने उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा।

13. उस ने बढ़ाया, और वह फिर दूसरे हाथ की नाईं अच्छा हो गया।

14. तब फरीसियों ने बाहर जाकर उसके विरोध में सम्मति की, कि उसे किस प्रकार नाश करें?

15. यह जानकर यीशु वहां से चला गया; और बहुत लोग उसके पीछे हो लिये; और उस ने सब को चंगा किया।

मत्ती 12