4. शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती, जिस ने उसे पकड़वा भी दिया॥
5. इन बारहों को यीशु ने यह आज्ञा देकर भेजा कि अन्यजातियों की ओर न जाना, और सामरियों के किसी नगर में प्रवेश न करना।
6. परन्तु इस्राएल के घराने ही की खोई हुई भेड़ों के पास जाना।
7. और चलते चलते प्रचार कर कहो कि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।
8. बीमारों को चंगा करो: मरे हुओं को जिलाओ: कोढिय़ों को शुद्ध करो: दुष्टात्माओं को निकालो: तुम ने सेंतमेंत पाया है, सेंतमेंत दो।
9. अपने पटुकों में न तो सोना, और न रूपा, और न तांबा रखना।
10. मार्ग के लिये न झोली रखो, न दो कुरते, न जूते और न लाठी लो, क्योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए।
11. जिस किसी नगर या गांव में जाओ तो पता लगाओ कि वहां कौन योग्य है और जब तक वहां से न निकलो, उसी के यहां रहो।
12. और घर में प्रवेश करते हुए उस को आशीष देना।
13. यदि उस घर के लोग योग्य होंगे तो तुम्हारा कल्याण उन पर पहुंचेगा परन्तु यदि वे योग्य न हों तो तुम्हारा कल्याण तुम्हारे पास लौट आएगा।