7. वह बादल के खम्भे में हो कर उन से बातें करता था; और वे उसकी चितौनियों और उसकी दी हुई विधियों पर चलते थे॥
8. हे हमारे परमेश्वर यहोवा तू उनकी सुन लेता था; तू उनके कामों का पलटा तो लेता था तौभी उनके लिये क्षमा करने वाला ईश्वर था।
9. हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो, और उसके पवित्र पर्वत पर दण्डवत करो; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा पवित्र है!