9. जिसने कान दिया, क्या वह आप नहीं सुनता? जिसने आंख रची, क्या वह आप नहीं देखता?
10. जो जाति जाति को ताड़ना देता, और मनुष्य को ज्ञान सिखाता है, क्या वह न समझाएगा?
11. यहोवा मनुष्य की कल्पनाओं को तो जानता है कि वे मिथ्या हैं॥
12. हे याह, क्या ही धन्य है वह पुरूष जिस को तू ताड़ना देता है, और अपनी व्यवस्था सिखाता है,