3. तू ने अपने रोष को शान्त किया है; और अपने भड़के हुए कोप को दूर किया है॥
4. हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर हम को फेर, और अपना क्रोध हम पर से दूर कर!
5. क्या तू हम पर सदा कोपित रहेगा? क्या तू पीढ़ी से पीढ़ी तक कोप करता रहेगा?
6. क्या तू हम को फिर न जिलाएगा, कि तेरी प्रजा तुझ में आनन्द करे?
7. हे यहोवा अपनी करूणा हमें दिखा, और तू हमारा उद्धार कर॥