3. वे चतुराई से तेरी प्रजा की हानि की सम्मति करते, और तेरे रक्षित लोगों के विरुद्ध युक्तियां निकालते हैं।
4. उन्होंने कहा, आओ, हम उन को ऐसा नाश करें कि राज्य भी मिट जाए; और इस्त्राएल का नाम आगे को स्मरण न रहे।
5. उन्होंने एक मन हो कर युक्ति निकाली है, और तेरे ही विरुद्ध वाचा बान्धी है।