1. परमेश्वर की सभा में परमेश्वर ही खड़ा है; वह ईश्वरों के बीच में न्याय करता है।
2. तुम लोग कब तक टेढ़ा न्याय करते और दुष्टों का पक्ष लेते रहोगे?
3. कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, दीन दरिद्र का विचार धर्म से करो।
4. कंगाल और निर्धन को बचा लो; दुष्टों के हाथ से उन्हें छुड़ाओ॥