1. हे परमेश्वर हम तेरा धन्यवाद करते, हम तेरा नाम का धन्यवाद करते हैं; क्योंकि तेरा नाम प्रगट हुआ है, तेरे आश्चर्यकर्मों का वर्णन हो रहा है॥
2. जब ठीक समय आएगा तब मैं आप ही ठीक ठीक न्याय करूंगा।
3. पृथ्वी अपने सब रहने वालों समेत डोल रही है, मैं ने उसके खम्भों को स्थिर कर दिया है।
4. मैं ने घमंडियों से कहा, घमंड मत करो, और दुष्टों से, कि सींग ऊंचा मत करो;
5. अपना सींग बहुत ऊंचा मत करो, न सिर उठा कर ढिठाई की बात बोलो॥
6. क्योंकि बढ़ती न तो पूरब से न पच्छिम से, और न जंगल की ओर से आती है;