1. हे परमेश्वर, राजा को अपना नियम बता, राजपुत्र को अपना धर्म सिखला!
2. वह तेरी प्रजा का न्याय धर्म से, और तेरे दीन लोगों का न्याय ठीक ठीक चुकाएगा।
3. पहाडों और पहाड़ियों से प्रजा के लिये, धर्म के द्वारा शान्ति मिला करेगी
4. वह प्रजा के दीन लोगों का न्याय करेगा, और दरिद्र लोगों को बचाएगा; और अन्धेर करने वालों को चूर करेगा॥
5. जब तक सूर्य और चन्द्रमा बने रहेंगे तब तक लोग पीढ़ी- पीढ़ी तेरा भय मानते रहेंगे।
6. वह घास की खूंटी पर बरसने वाले मेंह, और भूमि सींचने वाली झाड़ियों के समान होगा।
7. उसके दिनों में धर्मी फूले फलेंगे, और जब तक चन्द्रमा बना रहेगा, तब तक शान्ति बहुत रहेगी॥
8. वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करेगा।
9. उसके साम्हने जंगल के रहने वाले घुटने टेकेंगे, और उसके शत्रु मिट्टी चाटेंगे।
10. तर्शीश और द्वीप द्वीप के राजा भेंट ले आएंगे, शेबा और सबा दोनों के राजा द्रव्य पहुंचाएंगे।