21. निश्चय परमेश्वर अपने शत्रुओं के सिर पर, और जो अधर्म के र्माग पर चलता रहता है, उसके बाल भरी खोपड़ी पर मार मार के उसे चूर करेगा।
22. प्रभु ने कहा है, कि मैं उन्हें बाशान से निकाल लाऊंगा, मैं उन को गहिरे सागर के तल से भी फेर ले आऊंगा,
23. कि तू अपने पांव को लोहू में डुबोए, और तेरे शत्रु तेरे कुत्तों का भाग ठहरें॥
24. हे परमेश्वर तेरी गति देखी गई, मेरे ईश्वर, मेरे राजा की गति पवित्र स्थान में दिखाई दी है;
25. गाने वाले आगे आगे और तार वाले बाजों के बजाने वाले पीछे पीछे गए, चारों ओर कुमारियां डफ बजाती थीं।
26. सभाओं में परमेश्वर का, हे इस्राएल के सोते से निकले हुए लोगों, प्रभु का धन्यवाद करो।
27. वहां उनका अध्यक्ष छोटा बिन्यामीन है, वहां यहूदा के हाकिम अपने अनुचरों समेत हैं, वहां जबूलून और नप्ताली के भी हाकिम हैं॥
28. तेरे परमेश्वर ने आज्ञा दी, कि तुझे सामर्थ्य मिले; हे परमेश्वर जो कुछ तू ने हमारे लिये किया है, उसे दृढ़ कर।
29. तेरे मन्दिर के कारण जो यरूशलेम में हैं, राजा तेरे लिये भेंट ले आएंगे।
30. नरकटों में रहने वाले बनैले पशुओं को, सांड़ों के झुण्ड को और देश देश के बछड़ों को झिड़क दे। वे चान्दी के टुकड़े लिये हुए प्रणाम करेंगे; जो लोगे युद्ध से प्रसन्न रहते हैं, उन को उसने तितर बितर किया है।
31. मिस्त्र से रईस आएंगे; कूशी अपने हाथों को परमेश्वर की ओर फुर्ती से फैलाएंगे॥