2. हे परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुन ले; मेरे मुंह के वचनों की ओर कान लगा॥
3. क्योंकि परदेशी मेरे विरुद्ध उठे हैं, और बलात्कारी मेरे प्राण के ग्राहक हुए हैं; उन्होंने परमेश्वर को अपने सम्मुख नहीं जाना॥
4. देखो, परमेश्वर मेरा सहायक है; प्रभु मेरे प्राण के सम्भालने वालों के संग है।
5. वह मेरे द्रोहियों की बुराई को उन्हीं पर लौटा देगा; हे परमेश्वर, अपनी सच्चाई के कारण उन्हें विनाश कर॥
6. मैं तुझे स्वेच्छाबलि चढ़ाऊंगा; हे यहोवा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा, क्योंकि यह उत्तम है।
7. क्योंकि तू ने मुझे सब दुखों से छुड़ाया है, और मैं अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके सन्तुष्ट हुआ हूं॥