1. हे देश देश के सब लोगों यह सुनो! हे संसार के सब निवासियों, कान लगाओ!
2. क्या ऊंच, क्या नीच क्या धनी, क्या दरिद्र, कान लगाओ!
3. मेरे मुंह से बुद्धि की बातें निकलेंगी; और मेरे हृदय की बातें समझ की होंगी।
4. मैं नीतिवचन की ओर अपना कान लगाऊंगा, मैं वीणा बजाते हुए अपनी गुप्त बात प्रकाशित करूंगा॥