3. उसके महलों में परमेश्वर ऊंचा गढ़ माना गया है।
4. क्योंकि देखो, राजा लोग इकट्ठे हुए, वे एक संग आगे बढ़ गए।
5. उन्होंने आप ही देखा और देखते ही विस्मित हुए, वे घबराकर भाग गए।
6. वहां कपकपी ने उन को आ पकड़ा, और जच्चा की सी पीड़ाएं उन्हें होने लगीं।
7. तू पूर्वी वायु से तर्शीश के जहाजों को तोड़ डालता है।
8. सेनाओं के यहोवा के नगर में, अपने परमेश्वर के नगर में, जैसा हम ने सुना था, वैसा देखा भी है; परमेश्वर उसको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा॥